भारत में पुरातात्त्विक स्थलो की खोज भारतीय पुरातात्त्विक विभाग करता है। इसी के साथ बिना सरकार की मंजूरी के कोई भी व्यक्ति इन स्थलो पर निजी खुदाई और सर्वे नही कर सकता है। ऐसा करता हुआ पाया जाने पर कठोर दंड का प्रावधान हैं ।
भारत वर्ष प्राचीन काल से ही संस्कृति और विविधता से सम्पन्न देश है। और यहाँ पर खोजे गए स्थल संपूर्ण विश्व में अपनी अलग पहचान रखते हैं। इन्ही स्थलो में से एक पुरातात्त्विक स्थल बैराठ सभ्यता, जयपुर (राजस्थान) हैं। जिसकी खोज के प्रमुख बिंदु व विशेषता निम्न है।
🔔🔔🔔🔔बैराठ सभ्यता🔔🔔🔔🔔
1. जिला - जयपुर
2. नदी - बाणगंगा
3. समय - 600 ईसा पुर्व से 1 ईस्वी
4. काल - लौह युगीन
5. खोजकत्र्ता/ उत्खनन कर्ता - 1935 - 36 दयाराम साहनी
6. प्रमुख स्थल - बीजक की पहाड़ी, भीम की डुंगरी, महादेव जी डुंगरी
विशेषता
1. महाजन पद संस्कृति के साक्ष्य(600 ईसा पुर्व से 322 ईसा पुर्व तक)
*मत्स्य जनपद की राजधानी - विराटनगर
*(मत्स्य जनपद - जयपुर, अलवर, भरतपुर)
*विराटनगर - बैराठ का प्राचीन नाम है।
2. महाभारत संस्कृति के साक्ष्य
*पाण्डुओं ने अपने 1 वर्ष का अज्ञातवास विराटनगर के राजा विराट के यहां व्यतित किया था।
3. बौद्धधर्म के साक्ष्य मिले हैं।
*बैराठ से हमें एक गोलाकार बौद्ध मठ मिला है।
4. मौर्य संस्कृति के साक्ष्य मिले हैं।
*मौर्य समाज - 322 ईसा पुर्व से 184 ईसा पुर्व
*सम्राट अशोक का भाब्रु शिलालेख बैराठ से मिला है।
*भाब्रु शिलालेख की खोज - 1837 कैप्टन बर्ट
*इसकी भाषा - प्राकृत भाषा
*लिपी - ब्राह्मणी
*वर्तमान में भाब्रु शिलालेख कोलकत्ता के संग्रहालय में सुरक्षित है।
5. हिन्द - युनानी संस्कृति के साक्ष्य मिले है।
अन्य तथ्य
*यहां से 36 चांदी के सिक्के प्राप्त हुए हैं ,36 में से 28 सिक्के हिन्द - युनानी राजाओं के है। 28 में से 16 सिक्के मिनेण्डर राजा(प्रसिद्ध हिन्द - युनानी राजा) के मिले हैं।*शेष 8 सिक्के प्राचीन भारत के सिक्के आहत(पंचमार्क) है।
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