राज की काष्ठ (लकडी) कला

 वैसे तो राजस्थान कला और संस्कृति से भरा भारत का एक अद्भुत राज्य है, इसी कारण से इसे रंगीला राजस्थान या नखरालो राजस्थान पुकारते है।  

   


   आज की इस पोस्ट में हम राजस्थान उसकी एक कला काष्ठ कला या लकडी से वस्तु निर्माण की प्रमुख कला पढेगे।। 

काष्ठ कला :-काष्ठ कला (Wooden Arts) एक हस्तकला है जो भारतीय राज्य राजस्थान में बहुत प्रसिद्ध है। काष्ठ को आम भाषा में लकड़ी कहा जाता है। इस कला में लोग लकड़ी पर विभिन्न प्रकार के कलाकारी वस्तुएं बनाते हैं।

बस्सी चित्तौड़गढ़ ज़िले का बस्सी कस्बा जो प्राचीन समय से काष्ठ कला के लिए प्रसिद्ध रहा है। बस्सी की काष्ठ क्ला के जन्म दाता प्रभात जी सुतार माने जाते हैं। इनके द्वारा सर्वप्रथम एक लकड़ी की गणगौर बनाई गई। जो लगभग आज से ३५५ साल पुरानी है।

➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖


1. कठपुतली 

A. किसी व्यक्ति विशेष के पात्र को लकड़ी के ढांचे के रूप में प्रस्तुत करना ।

B. कठपुतली का निर्माण उदयपुर चित्तौडगढ़, कठपुतली नगर (जयपुर) में किया जाता है।

C. कठपुतली नाटक का मंचन नट अथवा भाट जाति द्वारा किया जाता है।

D. कठपुतली कला के विकास के लिए कार्यरत संस्था भारतीय लोक कला मण्डल - उदयपुर है।

E. इस संस्था की स्थापना सन् 1952 में देवीलाल सांभर ने की।

2. बेवाण

A. लकड़ी से निर्मित सिंहासन जिस पर ठाकुर जी की मूर्ति को श्रृंगार करके बैठाया जाता है तथा देव झुलनी एकादशी (भाद्र शुक्ल एकादशी) के दिन किसी तालाब के किनारे ले जाकर नहलाया जाता है।

B. बेवाण का निर्माण बस्सी (चित्तौड़गढ) में होता है।


3.चैपडा़

A. लकड़ी से निर्मित चार अथवा छः खाने युक्त मसाले रखने का पात्र है, जिसे पश्चिमी राजस्थान में हटड़ी कहते है।


4. कावड़

A. कपाटों युक्त लकड़ी से निर्मित मंदिरनुमा आकृति जिसे चलता फिरता देवधर भी कहा जाता है।

B. इसके विभिन्न कपाटों पर पौराणिक कथाओं का चित्रण किया जाता है।

C. कावडिये भाट इन कपाटों को खोलते हुए पौराणिक कथाओं कावाचन करते है।

D. कावड़ का निर्माण बस्सी (चित्तौडगढ़) में होता है।

E. कावड़ का निर्माण खैराद जाति के लोगों द्वारा किया जाता है।

F. मांगीलाल मिस्श्री - प्रसिद्ध कावड़ निर्माता है।


5. तौरण

 A. विवाह के अवसर पर वर द्वारा वधु के घर के मुख्य प्रवेश द्वार पर जो लकड़ी की कलात्मक आकृति लटकाई जाती है, उसे तौरण कहते है।

B. तौरण पर सामान्यतः मयूर की आकृति अंकित होती है।

C. तौरण को वर द्वारा तलवार अथवा हरी टहनी से स्पर्श करवाया जाता है।

D. मारना शौर्य अथवा विजय का प्रतीक माना जाता है।


6.बाजौट

 A. लकड़ी की चैकी अथवा शाट जिसे भोजन के समय अथवा पूजा के समय प्रयुक्त किया जाता है।

B. विवाह के समय वर व वधू को बाजौट पर बैठाने की परम्परा है।


7. खाण्डा 

 A. लकड़ी से निर्मित तलवारनुमा आकृति जिसका उपयोग रामलीला नाटक में तलवार के स्थान पर किया जाता है।

B. राजस्थान में होली के अवसर पर कारीगर द्वारा गांव में खाण्डे बांटने की परम्परा है।

C. गुलाबी रंग से रंगा खाण्डा शौर्य का प्रतीक माना जाता है।

D. पूर्वी राजस्थान में दुल्हन द्वारा दुल्हे के घर खाण्डे भेजने की परम्परा है।

E. काष्ठ कला का प्रधान केन्द्र बस्सी (चित्तौड़गढ) है।

F. यहां की खैराद जाति द्वारा कला में संलग्न है।



➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ